The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे more info मोहि चैन न आवै॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
Each time the gods connect with out to him in distress, Lord Shiv chaisa Shiva straight away removes their sorrows. Over the good turmoil a result of Tarakasura, All the gods turned for you for support.